ज़मीं का आख़िरी मंज़र दिखाई देने लगाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalज़मीं का आख़िरी मंज़र दिखाई देने लगा मैं देखता हुआ पत्थर दिखाई देने लगा वो सामने था तो कम कम दिखाई देता था चला गया तो बराबर दिखाई देने लगा [...] Continue Reading... Share on:
सुना है हश्र में हर आँख उसे बे-पर्दा देखेगीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherसुना है हश्र में हर आँख उसे बे-पर्दा देखेगी मुझे डर है न तौहीन-ए-जमाल-ए-यार हो जाए Continue Reading... Share on:
आज उन्हें कुछ इस तरह जी खोल कर देखा किएShayari By 31 Oct 2020 12:50:38 AMGhazalआज उन्हें कुछ इस तरह जी खोल कर देखा किए एक ही लम्हे में जैसे उम्र-भर देखा किए दिल अगर बेताब है दिल का मुक़द्दर है यही जिस क़दर थी हम को तौफ़ीक़-ए-नज़र देखा किए [...] Continue Reading... Share on:
ज़ाहिर की आँख से न तमाशा करे कोईShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherज़ाहिर की आँख से न तमाशा करे कोई हो देखना तो दीदा-ए-दिल वा करे कोई Continue Reading... Share on:
सू-ए-फ़लक न जानिब-ए-महताब देखनाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalसू-ए-फ़लक न जानिब-ए-महताब देखना इस शहर-ए-दिल-नवाज़ के आदाब देखना तुझ को कहाँ छुपाएँ कि दिल पर गिरफ़्त हो आँखों को क्या करें कि वही ख़्वाब देखना [...] Continue Reading... Share on:
न मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalन मंज़िलों को न हम रहगुज़र को देखते हैं अजब सफ़र है कि बस हम-सफ़र को देखते हैं न पूछ जब वो गुज़रता है बे-नियाज़ी से तो किस मलाल से हम नामा-बर को देखते हैं [...] Continue Reading... Share on: