ख़ुद भी जलती है अगर उस को जलाती है येShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherख़ुद भी जलती है अगर उस को जलाती है ये कम किसी तरह नहीं शम्अ भी परवाने से it aslo burns itself if it sears him the flame is not lesser than the moth in any way [...] Continue Reading... Share on:
ख़ाक कर देवे जला कर पहले फिर टिसवे बहाएShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherख़ाक कर देवे जला कर पहले फिर टिसवे बहाए शम्अ मज्लिस में बड़ी दिल-सोज़ परवाने की है Continue Reading... Share on:
कितनी बे-नूर थी दिन भर नज़र-ए-परवानाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalकितनी बे-नूर थी दिन भर नज़र-ए-परवाना रात आई तो हुई है सहर-ए-परवाना शम्अ' जलते ही यहाँ हश्र का मंज़र होगा फिर कोई पा न सकेगा ख़बर-ए-परवाना [...] Continue Reading... Share on:
परवानों का तो हश्र जो होना था हो चुकाShayari By 18 Nov 2020 02:55:01 AMSherपरवानों का तो हश्र जो होना था हो चुका गुज़री है रात शम्अ पे क्या देखते चलें Continue Reading... Share on:
तारीकी में होता है उसे वस्ल मयस्सरShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherतारीकी में होता है उसे वस्ल मयस्सर परवाना कहाँ जाए शबिस्ताँ से निकल कर Continue Reading... Share on:
ये अपने दिल की लगी को बुझाने आते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherये अपने दिल की लगी को बुझाने आते हैं पराई आग में जलते नहीं हैं परवाने they come to extinguish the fire in their heart in senseless immolation the moths do not take part [...] Continue Reading... Share on: