मुझे तो लगता है जैसे ये काएनात तमामShayari By 03 Feb 2021 10:55:12 AMSherमुझे तो लगता है जैसे ये काएनात तमाम है बाज़गश्त यक़ीनन सदा किसी की नहीं Continue Reading... Share on:
तू अपनी आवाज़ में गुम है मैं अपनी आवाज़ में चुपShayari By 12 Nov 2020 01:39:57 AMGhazalतू अपनी आवाज़ में गुम है मैं अपनी आवाज़ में चुप दोनों बीच खड़ी है दुनिया आईना-ए-अल्फ़ाज़ में चुप अव्वल अव्वल बोल रहे थे ख़्वाब-भरी हैरानी में फिर हम दोनों चले गए पाताल से गहरे राज़ में चुप [...] Continue Reading... Share on:
मिट्टी था मैं ख़मीर तिरे नाज़ से उठाShayari By 12 Nov 2020 01:37:39 AMGhazalमिट्टी था मैं ख़मीर तिरे नाज़ से उठा फिर हफ़्त-आसमाँ मिरी पर्वाज़ से उठा इंसान हो किसी भी सदी का कहीं का हो ये जब उठा ज़मीर की आवाज़ से उठा [...] Continue Reading... Share on:
गर जोश पे टुक आया दरियाव तबीअत काShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherगर जोश पे टुक आया दरियाव तबीअत का हम तुम को दिखा देंगे फैलाव तबीअत का Continue Reading... Share on:
दिन इक के बा'द एक गुज़रते हुए भी देखShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalदिन इक के बा'द एक गुज़रते हुए भी देख इक दिन तू अपने आप को मरते हुए भी देख हर वक़्त खिलते फूल की जानिब तका न कर मुरझा के पत्तियों को बिखरते हुए भी देख [...] Continue Reading... Share on:
बुतों को पूजने वालों को क्यूँ इल्ज़ाम देते होShayari By 10 Nov 2020 11:13:05 PMSherबुतों को पूजने वालों को क्यूँ इल्ज़ाम देते हो डरो उस से कि जिस ने उन को इस क़ाबिल बनाया है Continue Reading... Share on: