अब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगेShayari By 28 Feb 2024 07:59:36 AMGhazalअब तो घबरा के ये कहते हैं कि मर जाएँगे मर के भी चैन न पाया तो किधर जाएँगे तुम ने ठहराई अगर ग़ैर के घर जाने की तो इरादे यहाँ कुछ और ठहर जाएँगे [...] Continue Reading... Share on:
क़ुबूल कर के इसे राब्ता बहाल करोShayari By 25 Feb 2024 10:50:49 PMSherक़ुबूल कर के इसे राब्ता बहाल करो कहीं ये फूल मिरी आख़िरी पुकार न हो Continue Reading... Share on:
पता था मुझ को मुलाक़ात ग़ैर-मुमकिन हैShayari By 03 Oct 2023 11:59:55 PMSherपता था मुझ को मुलाक़ात ग़ैर-मुमकिन है सो तेरा ध्यान किया और गुलाब चूम लिया Continue Reading... Share on:
तुझ से बिछड़ूँ तो कोई फूल न महके मुझ मेंShayari By 27 Sep 2023 08:12:51 PMSherतुझ से बिछड़ूँ तो कोई फूल न महके मुझ में देख क्या कर्ब है क्या ज़ात की सच्चाई है Continue Reading... Share on:
फूलों को सुर्ख़ी देने मेंShayari By 01 Sep 2023 08:30:04 PMSherफूलों को सुर्ख़ी देने में पत्ते पीले हो जाते हैं Continue Reading... Share on:
उसे किसी से मोहब्बत न थी मगर उस नेShayari By 01 Sep 2023 08:49:57 AMSherउसे किसी से मोहब्बत न थी मगर उस ने गुलाब तोड़ के दुनिया को शक में डाल दिया Continue Reading... Share on: