ढूँड अफ़्लाक नए और ज़मीनें भी नईShayari By 01 Oct 2023 05:27:49 AMSherढूँड अफ़्लाक नए और ज़मीनें भी नई हो ग़ज़ल का तिरी हर शे'र नया हर्फ़-ब-हर्फ़ Continue Reading... Share on:
ठीक है ख़ुद को हम बदलते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalठीक है ख़ुद को हम बदलते हैं शुक्रिया मश्वरत का चलते हैं हो रहा हूँ मैं किस तरह बरबाद देखने वाले हाथ मलते हैं [...] Continue Reading... Share on: