मा'रिफ़त के लिए आगही के लिएShayari By 20 Apr 2024 05:24:36 AMGhazalमा'रिफ़त के लिए आगही के लिए नूर-ए-हक़ चाहिए रौशनी के लिए जी रहे हैं किसी की ख़ुशी के लिए वर्ना क्या है यहाँ ज़िंदगी के लिए [...] Continue Reading... Share on:
यूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गईShayari By 16 Mar 2024 06:48:34 AMGhazalयूँ भी हुआ कमाल मिरे पास आ गई हैरत है ज़िंदगी को मिरी शक्ल भा गई मुझ से जुदा किया है मुझे उस के ख़्वाब ने आँखों में इक हसीन सी तस्वीर छा गई [...] Continue Reading... Share on:
तुम उस के पास हो जिस को तुम्हारी चाह न थीShayari By 06 Oct 2023 02:42:39 PMSherतुम उस के पास हो जिस को तुम्हारी चाह न थी कहाँ पे प्यास थी दरिया कहाँ बनाया गया Continue Reading... Share on:
तिश्ना-लब ऐसा कि होंटों पे पड़े हैं छालेShayari By 29 Sep 2023 07:51:19 AMSherतिश्ना-लब ऐसा कि होंटों पे पड़े हैं छाले मुतमइन ऐसा हूँ दरिया को भी हैरानी है Continue Reading... Share on:
था ज़हर को होंटों से लगाना ही मुनासिबShayari By 19 Jul 2023 11:58:48 PMSherथा ज़हर को होंटों से लगाना ही मुनासिब वर्ना ये मिरी तिश्ना-लबी कम नहीं होती Continue Reading... Share on:
वो सामने हैं मगर तिश्नगी नहीं जातीShayari By 04 Dec 2020 05:59:46 AMSherवो सामने हैं मगर तिश्नगी नहीं जाती ये क्या सितम है कि दरिया सराब जैसा है Continue Reading... Share on: