मसरूफ़ गोरकन को भी शायद पता नहींShayari By 28 Sep 2023 07:38:16 AMSherमसरूफ़ गोरकन को भी शायद पता नहीं वो ख़ुद खड़ा हुआ है क़ज़ा की क़तार में Continue Reading... Share on:
फिर उसी क़ब्र के बराबर सेShayari By 01 Sep 2023 08:27:21 PMSherफिर उसी क़ब्र के बराबर से ज़िंदा रहने का रास्ता निकला Continue Reading... Share on:
देख तो दिल कि जाँ से उठता हैShayari By 01 Mar 2021 08:16:57 PMGhazalदेख तो दिल कि जाँ से उठता है ये धुआँ सा कहाँ से उठता है गोर किस दिलजले की है ये फ़लक शोला इक सुब्ह याँ से उठता है [...] Continue Reading... Share on:
शुक्रिया ऐ क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रियाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherशुक्रिया ऐ क़ब्र तक पहुँचाने वालो शुक्रिया अब अकेले ही चले जाएँगे इस मंज़िल से हम Continue Reading... Share on:
मकाँ है क़ब्र जिसे लोग ख़ुद बनाते हैंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमकाँ है क़ब्र जिसे लोग ख़ुद बनाते हैं मैं अपने घर में हूँ या मैं किसी मज़ार में हूँ Continue Reading... Share on:
अहबाब से उम्मीद है बे-जा मुझ कोShayari By 13 Dec 2020 09:30:18 PMRubaaiअहबाब से उम्मीद है बेजा मुझ को उम्मीद-ए-अता-ए-हक़ है ज़ेबा मुझ को क्या उन से तवक़्क़ो कि मियान-ए-मरक़द छोड़ आएँगे इक रोज़ ये तन्हा मुझ को [...] Continue Reading... Share on: