मा'रिफ़त के लिए आगही के लिएShayari By 20 Apr 2024 05:24:36 AMGhazalमा'रिफ़त के लिए आगही के लिए नूर-ए-हक़ चाहिए रौशनी के लिए जी रहे हैं किसी की ख़ुशी के लिए वर्ना क्या है यहाँ ज़िंदगी के लिए [...] Continue Reading... Share on:
सवाल ये है रौशनी वहाँ पे रोक दी गईShayari By 21 Sep 2023 09:11:13 PMSherसवाल ये है रौशनी वहाँ पे रोक दी गई जहाँ पे हर किसी के हाथ में नया चराग़ था Continue Reading... Share on:
एक सुरूद-ए-रौशनी नीमा-ए-शब का ख़्वाब थाShayari By 04 Sep 2023 12:41:52 PMSherएक सुरूद-ए-रौशनी नीमा-ए-शब का ख़्वाब था एक ख़मोश तीरगी सानेहा-आश्ना भी थी Continue Reading... Share on:
अनगिनत सफ़ीनों में दीप जगमगाते हैंShayari By 19 Jul 2023 11:14:31 PMSherअनगिनत सफ़ीनों में दीप जगमगाते हैं रात ने लुटाया है रंग-ओ-नूर पानी पर Continue Reading... Share on:
दलील-ए-ताबिश-ए-ईमाँ है कुफ़्र का एहसासShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherदलील-ए-ताबिश-ए-ईमाँ है कुफ़्र का एहसास चराग़ शाम से पहले जला नहीं करते Continue Reading... Share on:
आँखों से यूँ चराग़ों में डाली है रौशनीShayari By 18 Nov 2020 04:04:35 PMGhazalआँखों से यूँ चराग़ों में डाली है रौशनी हम जैसी चाहते थे बना ली है रौशनी दरिया ग़ुरूब होने चला था कि आज रात ग़र्क़ाब कश्तियों ने उछाली है रौशनी [...] Continue Reading... Share on: