वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने देShayari By 04 Dec 2020 05:50:03 AMSherवतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने दे मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा Continue Reading... Share on:
वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी हैShayari By 24 Nov 2020 12:18:03 AMSherवतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में Continue Reading... Share on:
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमाराShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherसारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा Continue Reading... Share on:
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया हैAdmin01 Jan 2017 12:30:00 PMSherलहू वतन के शहीदों का रंग लाया है उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी Continue Reading... Share on:
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की ख़ुशबूAdmin01 Jan 2017 12:30:00 PMSherदिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी Continue Reading... Share on: