रिंदों को पाबंदी-ए-दुनिया कहाँShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherरिंदों को पाबंदी-ए-दुनिया कहाँ कश्ती-ए-मय को नहीं लंगर की चाह Continue Reading... Share on:
तौबा की रिंदों में गुंजाइश कहाँShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherतौबा की रिंदों में गुंजाइश कहाँ जब ये आएगी निकाली जाएगी Continue Reading... Share on:
वाइज़ ख़ता-मुआफ़ कि रिंदान-ए-मय-कदाShayari By 05 Nov 2020 04:36:21 PMSherवाइज़ ख़ता-मुआफ़ कि रिंदान-ए-मय-कदा दिल के सिवा किसी का कहा मानते नहीं Continue Reading... Share on:
वाइज़ो छेड़ो न रिंदों को बहुतShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherवाइज़ो छेड़ो न रिंदों को बहुत ये समझ लो कि पिए बैठे हैं Continue Reading... Share on:
मय न हो बू ही सही कुछ तो हो रिंदों के लिएShayari By 31 Oct 2020 04:19:11 AMSherमय न हो बू ही सही कुछ तो हो रिंदों के लिए इसी हीले से बुझेगी हवस-ए-जाम-ए-शराब Continue Reading... Share on:
रिंदों को वाज़ पंद न कर फ़स्ल-ए-गुल में शैख़Shayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherरिंदों को वाज़ पंद न कर फ़स्ल-ए-गुल में शैख़ ऐसा न हो शराब उड़े ख़ानक़ाह में Continue Reading... Share on: