साहिल तमाम अश्क-ए-नदामत से अट गयाShayari By 05 Jan 2024 04:43:23 AMSherसाहिल तमाम अश्क-ए-नदामत से अट गया दरिया से कोई शख़्स तो प्यासा पलट गया Continue Reading... Share on:
सफ़ीना हो रहा है ग़र्क़-ए-तूफ़ाँShayari By 21 Sep 2023 09:34:23 PMSherसफ़ीना हो रहा है ग़र्क़-ए-तूफ़ाँ निगाहों से किनारे जा रहे हैं Continue Reading... Share on:
नज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतेंShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherनज़रों से नापता है समुंदर की वुसअतें साहिल पे इक शख़्स अकेला खड़ा हुआ Continue Reading... Share on:
दरिया के तलातुम से तो बच सकती है कश्तीShayari By 14 Nov 2020 11:31:50 PMSherदरिया के तलातुम से तो बच सकती है कश्ती कश्ती में तलातुम हो तो साहिल न मिलेगा from the storms of the seas the ship might well survive but if the storm is in the ship, no shore can then arrive [...] Continue Reading... Share on:
मुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैंShayari By 20 Nov 2020 10:55:05 PMSherमुसाफ़िर अपनी मंज़िल पर पहुँच कर चैन पाते हैं वो मौजें सर पटकती हैं जिन्हें साहिल नहीं मिलता Continue Reading... Share on:
कश्तियाँ डूब रही हैं कोई साहिल लाओShayari By 18 Nov 2020 05:56:26 PMSherकश्तियाँ डूब रही हैं कोई साहिल लाओ अपनी आँखें मिरी आँखों के मुक़ाबिल लाओ Continue Reading... Share on: