वाइज़ की आँखें खुल गईं पीते ही साक़ियाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherवाइज़ की आँखें खुल गईं पीते ही साक़िया ये जाम-ए-मय था या कोई दरिया-ए-नूर था Continue Reading... Share on:
पीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherपीता हूँ जितनी उतनी ही बढ़ती है तिश्नगी साक़ी ने जैसे प्यास मिला दी शराब में Continue Reading... Share on:
अज़ाँ हो रही है पिला जल्द साक़ीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherअज़ाँ हो रही है पिला जल्द साक़ी इबादत करें आज मख़मूर हो कर tis the call to prayer, hasten, pour me wine today inebriated, i'll worship the divine [...] Continue Reading... Share on:
दर्द-ए-सर है ख़ुमार से मुझ कोShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherदर्द-ए-सर है ख़ुमार से मुझ को जल्द ले कर शराब आ साक़ी Continue Reading... Share on:
पड़ गई क्या निगह-ए-मस्त तिरे साक़ी कीShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherपड़ गई क्या निगह-ए-मस्त तिरे साक़ी की लड़खड़ाते हुए मय-ख़्वार चले आते हैं Continue Reading... Share on:
इक जाम खनकता जाम कि साक़ी रात गुज़रने वाली हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMGhazalइक जाम खनकता जाम कि साक़ी रात गुज़रने वाली है इक होश-रुबा इनआ'म कि साक़ी रात गुज़रने वाली है वो देख सितारों के मोती हर आन बिखरते जाते हैं अफ़्लाक पे है कोहराम कि साक़ी रात गुज़रने वाली है [...] Continue Reading... Share on: