वस्ल को मौक़ूफ़ करना पड़ गया है चंद रोज़Shayari By 04 Dec 2020 05:49:29 AMSherवस्ल को मौक़ूफ़ करना पड़ गया है चंद रोज़ अब मुझे मिलने न आना अब कोई शिकवा नहीं Continue Reading... Share on:
कैसा चमन कि हम से असीरों को मनअ' हैShayari By 29 Nov 2020 12:21:08 PMSherकैसा चमन कि हम से असीरों को मनअ' है चाक-ए-क़फ़स से बाग़ की दीवार देखना Continue Reading... Share on:
थकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करतेShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherथकना भी लाज़मी था कुछ काम करते करते कुछ और थक गया हूँ आराम करते करते Continue Reading... Share on:
रास्ते हैं खुले हुए सारेShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherरास्ते हैं खुले हुए सारे फिर भी ये ज़िंदगी रुकी हुई है Continue Reading... Share on:
कोई दवा भी नहीं है यही तो रोना हैShayari By 24 Nov 2020 11:10:52 AMSherकोई दवा भी नहीं है यही तो रोना है सद एहतियात कि फैला हुआ क्रोना है Continue Reading... Share on:
मौत आ जाए वबा में ये अलग बात मगरShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमौत आ जाए वबा में ये अलग बात मगर हम तिरे हिज्र में नाग़ा तो नहीं कर सकते Continue Reading... Share on: