क़रीब आ कि मोहब्बत का एहतिमाम करेंShayari By 20 Apr 2024 06:36:19 AMQitaक़रीब आ कि मोहब्बत का एहतिमाम करें ज़माना बीत गया दिल पे चोट खाए हुए मुझे भी एक नए ज़ख़्म की ज़रूरत है तुझे भी हो गई मुद्दत मुझे सताए हुए [...] Continue Reading... Share on:
शाख़-ए-मिज़्गाँ पे महकने लगे ज़ख़्मों के गुलाबShayari By 03 Oct 2023 10:49:44 AMSherशाख़-ए-मिज़्गाँ पे महकने लगे ज़ख़्मों के गुलाब पिछले मौसम की मुलाक़ात की बू ज़िंदा है Continue Reading... Share on:
सुना है शहर में ज़ख़्मी दिलों का मेला हैShayari By 26 Sep 2023 05:40:16 AMSherसुना है शहर में ज़ख़्मी दिलों का मेला है चलेंगे हम भी मगर पैरहन रफ़ू कर के Continue Reading... Share on:
ख़ामोशी के नाख़ुन से छिल जाया करते हैंShayari By 03 Sep 2022 11:35:01 AMSherख़ामोशी के नाख़ुन से छिल जाया करते हैं कोई फिर इन ज़ख़्मों पर आवाज़ें मलता है Continue Reading... Share on:
इस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों केShayari By 19 Mar 2021 11:40:14 PMSherइस तरफ़ से गुज़रे थे क़ाफ़िले बहारों के आज तक सुलगते हैं ज़ख़्म रहगुज़ारों के Continue Reading... Share on: