जेल से वापस आ कर उस ने पांचों वक़्त नमाज़ पढ़ीShayari By 23 Nov 2020 12:26:28 AMSherजेल से वापस आ कर उस ने पांचों वक़्त नमाज़ पढ़ी मुँह भी बंद हुए सब के और बदनामी भी ख़त्म हुई Continue Reading... Share on:
क़फ़स से दूर सही मौसम-ए-बहार तो हैShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherक़फ़स से दूर सही मौसम-ए-बहार तो है असीरो आओ ज़रा ज़िक्र-ए-आशियाँ हो जाए Continue Reading... Share on:
ज़रा सा शोर-ए-बग़ावत उठा और उस के बा'दShayari By 21 Nov 2020 07:11:18 PMSherज़रा सा शोर-ए-बग़ावत उठा और उस के बा'द वज़ीर तख़्त पे बैठे थे और जेल में हम Continue Reading... Share on:
लहू से मैं ने लिखा था जो कुछ दीवार-ए-ज़िंदाँ परShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherलहू से मैं ने लिखा था जो कुछ दीवार-ए-ज़िंदाँ पर वो बिजली बन के चमका दामन-ए-सुब्ह-ए-गुलिस्ताँ पर Continue Reading... Share on:
मैं संतरी हूँ औरतों की जेल का हुज़ूरShayari By 17 Nov 2020 06:24:03 PMSherमैं संतरी हूँ औरतों की जेल का हुज़ूर दो-चार क़ैदी इस लिए कम गिन रहा हूँ मैं Continue Reading... Share on:
हाए ज़ंजीर-शिकन वो कशिश-ए-फ़स्ल-ए-बहारShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherहाए ज़ंजीर-शिकन वो कशिश-ए-फ़स्ल-ए-बहार और ज़िंदाँ से निकलना तिरे दीवाने का Continue Reading... Share on: