मा'रिफ़त के लिए आगही के लिएShayari By 20 Apr 2024 05:24:36 AMGhazalमा'रिफ़त के लिए आगही के लिए नूर-ए-हक़ चाहिए रौशनी के लिए जी रहे हैं किसी की ख़ुशी के लिए वर्ना क्या है यहाँ ज़िंदगी के लिए [...] Continue Reading... Share on:
कुछ मिरी सुन कुछ अपनी सुना ज़िंदगीShayari By 20 Apr 2024 05:03:18 AMGhazalकुछ मिरी सुन कुछ अपनी सुना ज़िंदगी दर्द-ए-दिल और थोड़ा बढ़ा ज़िंदगी ज़िंदगानी के फ़न से हूँ ला-इल्म मैं ज़िंदगी करना मुझ को सिखा ज़िंदगी [...] Continue Reading... Share on:
अगर ये कह दो बग़ैर मेरे नहीं गुज़ारा तो मैं तुम्हाराShayari By 22 Feb 2024 05:10:31 PMGhazalअगर ये कह दो बग़ैर मेरे नहीं गुज़ारा तो मैं तुम्हारा या उस पे मब्नी कोई त'अस्सुर कोई इशारा तो मैं तुम्हारा ग़ुरूर-परवर अना का मालिक कुछ इस तरह के हैं नाम मेरे मगर क़सम से जो तुम ने इक नाम भी पुकारा तो मैं तुम्हारा [...] Continue Reading... Share on:
ख़ुदा-या अपने कुन की लाज रख लेShayari By 08 Oct 2023 11:15:02 AMSherख़ुदा-या अपने कुन की लाज रख ले तिरा शहकार ज़ाए' हो रहा है Continue Reading... Share on:
आप ने इस के फ़साने ही सुने होते हैंShayari By 05 Oct 2023 12:57:53 PMSherआप ने इस के फ़साने ही सुने होते हैं और अचानक ये बला आप के सर होती है Continue Reading... Share on:
उस ज़ाविए से देखिए आईना-ए-हयातShayari By 05 Oct 2023 08:24:29 AMSherउस ज़ाविए से देखिए आईना-ए-हयात जिस ज़ाविए से मैं ने लगाया है धूप में Continue Reading... Share on: