अरमां शायरी संग्रह | दिल की ख्वाहिशें

13 दिल की ख्वाहिशों की शायरियां

दिल की ख्वाहिशों और अरमानों को बयां करती शायरियों का खूबसूरत संग्रह। हर शायरी में छिपी है दिल की तमन्नाओं की दास्तान।

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा

कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा



पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला

मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा।

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मिलना इतिफाक था
मिलना इतिफाक था
बिछड़ना नसीब था

वो उतना ही दूर चला गया


जितना वो करीब था

हम उसको देखने के लिए तरसते रहे



जिस शख्स की हथेली पर हमारा नसीब था।

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क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह हो
क़ाश मेरी ज़िंदगी का अंत कुछ इस तरह हो

कि मेरी क़बर पे बना उनका घर हो



वो जब जब सोये ज़मीन पर

मेरे सीने से लगा उनका सर हो।

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करते हैं दुआ कामयाबी के शिखर पे आपका नाम हो
करते हैं दुआ कामयाबी के शिखर पे आपका नाम हो

जहाँ जहाँ पड़े कदम आपके
दुनिया का सालाम हो



सामना मुश्किलों का हिम्मत से करना

करते हैं दुआ एक दिन वक़्त आपका ग़ुलाम हो।

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गम की आहट ना आए तेरे दर पर
गम की आहट ना आए तेरे दर पर

प्यार के समंदर का तुम भी एक किनारा हो



भूल से भी जो टपके तेरी आँखों से मोती

थामे वही
जो तुम्हें सबसे प्यारा हो!

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गिला रहे हमसे
गिला रहे हमसे
शिकवा रहे हमसे

आरज़ू या बस यूँ ही एक सिलसिला रहे हमसे



फासले हों दरमियान
या खता हो कोई



दुआ है बस यही कि नज़दीकियां रहें हमसे।

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मैंने कब चाहा कि वो ज़िंदगी मेरे नाम कर दे
मैंने कब चाहा कि वो ज़िंदगी मेरे नाम कर दे

बस मुझे चाहे
इतना सा काम कर दे



हर रोज़ सोचा करे
कुछ लम्हे बस



कब कहा कि मेरी याद में सुबह से शाम कर दे।

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आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है
आपकी जुदाई भी हमें प्यार करती है

आपकी याद बहुत बेकरार करती है



जाते जाते कहीं भी मुलाकात हो जाये आप से

तलाश आपको ये नज़र बार बार करती है।

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ऐ खुदा एक पल के लिए उसे मेरा बना दे
ऐ खुदा एक पल के लिए उसे मेरा बना दे

कितना चाहते हैं उसे कोई ये बता दे



हर पल देखूं सिर्फ़ सपने उसी के

ना जागूं कभी
खुदा ऐसी नींद सुला दे।

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आँखें खोलूं तो चेहरा उसका हो
आँखें खोलूं तो चेहरा उसका हो

आँखें बंद करूँ तो सपना उसका हो



मर जाऊं तो ग़म नहीं

अगर कफ़न के बदले दुपट्टा उसका हो।

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निकलते हैं तेरे आशियाँ के आगे से
निकलते हैं तेरे आशियाँ के आगे से

सोचते हैं की तेरा दीदार हो जायेगा



खिड़की से तेरी सूरत न सही तेरा साया तो नजर आएगा।

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काश वो पल संग बिताये ना होते
काश वो पल संग बिताये ना होते

तो उनको याद कर आज ये आँसू आये ना होते



खुदा को अगर इस तरह दूर ले जाना था उन्हें

तो इतनी गहराई से ये दिल मिलाये ना होते।

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काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते
काश कि हम उनके दिल पे राज़ करते

जो कल था वही प्यार आज करते



हमें ग़म नहीं उनकी बेवफाई का

बस अरमां था कि हम भी अपने प्यार पर नाज़ करते।

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