सभी हिंदी शायरी

मुनहसिर सुब्ह से ये शाम कहीं बेहतर है

मुनहसिर सुब्ह से ये शाम कहीं बेहतर है ...

aditya-tiwari-shams

मिरी ये ज़िंदगी हद से ज़ियादा क्या होगी

मिरी ये ज़िंदगी हद से ज़ियादा क्या होगी ...

aditya-tiwari-shams

मेरे हम-साए को मुझ से जी चुराना आ गया

मेरे हम-साए को मुझ से जी चुराना आ गया ...

aditya-tiwari-shams

कैसे ख़ुद ही कहूँ कि क्या हूँ मैं

कैसे ख़ुद ही कहूँ कि क्या हूँ मैं ...

aditya-tiwari-shams

जिस्म से सारी रस्म करते हैं

जिस्म से सारी रस्म करते हैं ...

aditya-tiwari-shams

जब मुझे मौत आ रही होगी

जब मुझे मौत आ रही होगी ...

aditya-tiwari-shams

इक नदी बस मुझे ख़ुशी देगी

इक नदी बस मुझे ख़ुशी देगी ...

aditya-tiwari-shams

एक कमरा ग़ज़ल किताबें ग़म

एक कमरा ग़ज़ल किताबें ग़म ...

aditya-tiwari-shams

एक धोका है ख़ुश नहीं हूँ मैं

एक धोका है ख़ुश नहीं हूँ मैं ...

aditya-tiwari-shams

पंछियों के रू-ब-रू क्या ज़िक्र-ए-नादारी करूँ

पंछियों के रू-ब-रू क्या ज़िक्र-ए-नादारी करूँ ...

abdur-rahim-nashtar

ज़मीं से दूर सितारों के दरमियाँ रौशन

ज़मीं से दूर सितारों के दरमियाँ रौशन ...

abid-raza

यहाँ इक मो'जिज़ा हो जाएगा क्या

यहाँ इक मो'जिज़ा हो जाएगा क्या ...

abid-raza

उफ़ुक़ को सुर्ख़ किया आसमान ज़र्द किया

उफ़ुक़ को सुर्ख़ किया आसमान ज़र्द किया ...

abid-raza

थकन की बर्फ़ जमी जिस्म के अलाव में

थकन की बर्फ़ जमी जिस्म के अलाव में ...

abid-raza

तारों की झमकती बाढ़ तले आँखों में रात गुज़ारी है

तारों की झमकती बाढ़ तले आँखों में रात गुज़ारी है ...

abid-raza

सुनहरी धूप के परवरदिगार धुंद के पार

सुनहरी धूप के परवरदिगार धुंद के पार ...

abid-raza

शाम है शोर है लश्करी मुझ को घेरे हैं इस शहर में

शाम है शोर है लश्करी मुझ को घेरे हैं इस शहर में ...

abid-raza

सफ़र की शाम थकन बे-पनाह थी मेरी

सफ़र की शाम थकन बे-पनाह थी मेरी ...

abid-raza

रात की बासी ओस पड़ी थी सूरज के अंगारे पर

रात की बासी ओस पड़ी थी सूरज के अंगारे पर ...

abid-raza

पुराने अहद-नामे गर 'उफ़ुक़ पर नक़्श हो जाते

पुराने अहद-नामे गर 'उफ़ुक़ पर नक़्श हो जाते ...

abid-raza
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