दर्द शायरी संग्रह | पीड़ा की कविताएं

14 दर्द भरी शायरियां

दिल के दर्द और पीड़ा को बयां करती शायरियों का संग्रह। हर शायरी में झलकता है गहरा दर्द।

लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं
लफ़्ज़ों के बोझ से थक जाती हैं
ज़ुबान कभी कभी

पता नहीं 'खामोशी मज़बूरी हैं या समझदारी!

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आज से हम भी बदलेंगे अंदाज-ऐ-ज़िंदगी
आज से हम भी बदलेंगे अंदाज-ऐ-ज़िंदगी

राब्ता सबसे होगा
वास्ता किसी से नही।

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दो चार लफ्ज़ प्यार के ले कर मैं क्या करूंगा
दो चार लफ्ज़ प्यार के ले कर मैं क्या करूंगा

करनी है तो वफ़ा की मुकम्मल किताब मेरे नाम कर !

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आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम
आसानी से नहीं मिलता ये शोहरत का जाम

काबिल-ए-तारीफ़ होने के लिए वाकिफ़-ए-तकलीफ़ होना पड़ता है!

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दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो
दिल की बात दिल में छुपा लेते हैं वो

हमको देख कर मुस्कुरा देते हैं वो



हमसे तो सब पूछ लेते हैं

पर हमारी ही बात हमसे छुपा लेते हैं वो|

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ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है
ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है

ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।

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हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया
हमारे हर सवाल का सिर्फ एक ही जवाब आया

पैगाम जो पहूँचा हम तक बेवफा इल्जाम आया।

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दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई
दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई

लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया!

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दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है
दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है

ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया!

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मत बनाओ मुझे फुर्सत के लम्हों का खिलोना
मत बनाओ मुझे फुर्सत के लम्हों का खिलोना

मैं भी इंसान हूँ
दर्द मुझे भी होता है!

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बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर

ये कल भी तकलीफ देता था और ये आज भी तकलीफ देता है!

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इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना
इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना

दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना!



Meaning:
इशरत-ए-क़तरा = बूंद का सुख

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हमनें दुनिया में मोहब्बत का असर ज़िंदा किया है
हमनें दुनिया में मोहब्बत का असर ज़िंदा किया है

हमनें नफ़रत को गले मिल-मिल के शर्मिंदा किया है।

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लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क
लुत्फ़-ए-कलाम क्या जो न हो दिल में दर्द-ए-इश्क

बिस्मिल नहीं है तू तो तड़पना भी छोड़ दे!

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