सभ्य शायरी संग्रह | परिष्कृत काव्य रचनाएं

10 परिष्कृत शायरी चित्र

सभ्य और परिष्कृत भावनाओं को व्यक्त करती शायरियों का संग्रह। हर शायरी में झलकती है विचारों की गरिमा।

दर्पण भी वही दर्शाता है
दर्पण भी वही दर्शाता है
जो दिल देखना चाहता हैं .. सदा रखे दिल अपना साफ
आईने में मुस्कुराते नजर आऐंगे आप !!

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मेरा ज़मीर मुझसे हर रोज़ कहता है
मेरा ज़मीर मुझसे हर रोज़ कहता है
मत देख अपनी हाथो की लकीरों को. क्यूँकि वो तब भी तेरी नहीं थी
जब उसका हाथ तेरे हाथ ️में था|

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वक़्त होता ही है बदलने के लिए
वक़्त होता ही है बदलने के लिए
. . ठहरते तो बस लम्हें है|

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*नारी त्याग* की मूरत है
*नारी त्याग* की मूरत है
तो
*पुरुष संघर्ष* की सुरत है
कैसे कहूँ


*महान* किसी को दोनों को *एक दूसरे की जरूरत है*

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कमाल का ताना दिया है
आज ज़िन्दगी ने
कमाल का ताना दिया है आज ज़िन्दगी ने
अगर कोई तेरा है तो तेरे पास क्यूँ नही?

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बैठता वहीं हूँ
बैठता वहीं हूँ

जहाँ अपनेपन का अहसास है मुझको



यूं तो जिन्दगी में न जाने कितने ही
लोग आवाज देते हैं मुझे।

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ना हथियार से मिलती है
ना हथियार से मिलती है

ना अधिकार से मिलती है



दिलो में जगह साहेब
अपने व्यवहार से मिलती है.

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कोशिश न कर तू सभी को ख़ुश रखने की
कोशिश न कर तू सभी को ख़ुश रखने की

नाराज तो यहाँ कुछ लोग भगवान से भी हैं



मन की बात कह देने से फैसले हो जाते हैं

और मन में रख लेने से भी फासले हो जाते हैं!

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सितारों से भरी इस रात में
सितारों से भरी इस रात में

जन्नत से भी खूबसूरत ख्वाब आपको आये



इतनी हसीन हो आने वाली सुबह की

मांगने से पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये.

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रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम
रूठी जो जिदंगी तो मना लेंगे हम

मिले जो गम वो सह लेंगे हम



बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो

निकलते हुए आंसूओ में भी मुस्कुरा लेंगे हम।

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