प्रेम शायरी | रोमांटिक भावनाओं की कविताएं
142 रोमांटिक शायरी चित्र
प्रेम और रोमांस को व्यक्त करती सुंदर शायरी का संग्रह। हर शायरी में छिपा है प्यार का जादू।
नहीं है अब कोई तमन्ना इस दिल में
मेरी पहली और आखिरी जुस्तजू बस तुम हो।
मेरी पहली और आखिरी जुस्तजू बस तुम हो।
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दिल को तेरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता।
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता।
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सूरज ढलते ही रख दिये उसने मेरे होठों पर होंठ
इश्क का रोज़ा था और गज़ब की इफ्तारी।
इश्क का रोज़ा था और गज़ब की इफ्तारी।
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तुम हमें कभी दिल कभी आँखों से पुकारो
ये होंठो के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए हैं।
ये होंठो के तकल्लुफ तो ज़माने के लिए हैं।
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आदत सी हो गयी है तेरे करीब रहने की
बस इतना बता तेरी साँसों की खुशबू वाला इत्र मिलेगा कहाँ!
बस इतना बता तेरी साँसों की खुशबू वाला इत्र मिलेगा कहाँ!
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तोहमतेँ तो लगती रही रोज़ नयी नयी हम पर
मगर जो सबसे हसीन इलज़ाम था वो तेरा नाम था।
मगर जो सबसे हसीन इलज़ाम था वो तेरा नाम था।
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कोई समझे तो एक बात कहूँ
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं।
इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं।
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लिखा था राशि में आज खज़ाना मिल सकता है
कि अचानक गली में सनम पुराना दिख गया।
कि अचानक गली में सनम पुराना दिख गया।
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अब तक ख़बर न थी कि मोहब्बत गुनाह है
अब जान कर गुनाह किए जा रहा हूँ मैं।
अब जान कर गुनाह किए जा रहा हूँ मैं।
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मोहब्बत मुझे थे उसी से सनम
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा
मौत भी मेरी चाहत को न रोक सकी
क़ब्र में भी यह दिल उसके लिए धड़कता रहा।
यादों में उसकी यह दिल तड़पता रहा
मौत भी मेरी चाहत को न रोक सकी
क़ब्र में भी यह दिल उसके लिए धड़कता रहा।
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धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल
अभी तो पलकें झुकाई हैं मुस्कुराना अभी बाकी है उनका।
अभी तो पलकें झुकाई हैं मुस्कुराना अभी बाकी है उनका।
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उस की बाहों में सोने का अभी तक शौंक है मुझको
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली।
मोहब्बत में उजड़ कर भी मेरी आदत नहीं बदली।
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जब से मुँह को लग गई अख़्तर मोहब्बत की शराब
बे-पिए आठों पहर मदहोश रहना आ गया।
बे-पिए आठों पहर मदहोश रहना आ गया।
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फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम
प्यार में छलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी
इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम!
प्यार में छलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी
इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम!
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तेरे बिना टूट कर बिखर जायेंगे
तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
तुम मिल गए तो गुलशन की तरह खिल जायेंगे
तुम ना मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे
तुम्हें जो पा लिया तो मर कर भी जी जायेंगे।
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इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें आखिर उन से बात हो गयी
देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम
बस यूँ समझो दोस्तो वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी।
ढूंढ रहे थे हम जिन्हें आखिर उन से बात हो गयी
देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम
बस यूँ समझो दोस्तो वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी।
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सौ बार कहा दिल से चल भूल भी जा उसको
सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते।
सौ बार कहा दिल ने तुम दिल से नहीं कहते।
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चंद साँसे बची हैं आखिरी बार दीदार दे दो
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो
जिंदगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।
झूठा ही सही एक बार मगर तुम प्यार दे दो
जिंदगी वीरान थी और मौत भी गुमनाम ना हो
मुझे गले लगा लो फिर मौत मुझे हजार दे दो।
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ये तो नहीं कि तुम सा जहान में हसीन नहीं
इस दिल का क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं।
इस दिल का क्या करूँ ये बहलता कहीं नहीं।
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उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया।
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया।
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कुछ इस अदा से आज वो पहलू-नशीं रहे
जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे।
जब तक हमारे पास रहे हम नहीं रहे।
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बोसा देते नहीं और दिल पे है हर लहज़ा निगाह
जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है।
जी में कहते हैं कि मुफ़्त आए तो माल अच्छा है।
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रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं गले मिलने को
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।
मैं जो सोता हूँ तो जाग उठती है क़िस्मत मेरी।
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जिस को जाना ही नहीं उस को ख़ुदा कैसे कहें
और जिसे जान लिया हो वो ख़ुदा कैसे हो।
और जिसे जान लिया हो वो ख़ुदा कैसे हो।
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याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।
भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है।
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