क़िता शायरी संग्रह | परंपरागत कविताएं
1 परंपरागत कविता छवि
परंपरागत शैली में क़िता शायरी की सुंदरता का अनुभव करें। हर कविता में संक्षिप्तता और प्रभावशीलता की छवि है।
हमारी क़ुव्वत-ए-पर्वाज़ का सानी नहीं कोई
मगर पर्वाज़ पर अपनी कहाँ हम नाज़ करते हैं
उक़ाबी हौसला रखते हैं हम ऊँची उड़ानों में
हमारी रहनुमाई में सभी पर्वाज़ करते हैं
मगर पर्वाज़ पर अपनी कहाँ हम नाज़ करते हैं
उक़ाबी हौसला रखते हैं हम ऊँची उड़ानों में
हमारी रहनुमाई में सभी पर्वाज़ करते हैं
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