नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में

By January 1, 2017
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में
नहीं बसती किसी और की सूरत अब इन आँखो में

काश कि हमने तुम्हें इतने गौर से ना देखा होता।
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