अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ
By January 1, 2017

अजीब नशा है होशियार रहना चाहता हूँ
मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ
ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही
मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
मैं उस के ख़्वाब में बेदार रहना चाहता हूँ
ये मौज-ए-ताज़ा मेरी तिश्नगी का वहम सही
मैं इस सराब में सरशार रहना चाहता हूँ।
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