आँखों के परदे भी नम हो गए हैं Admin आँखो की तारीफ शायरी, Sad वही रंजिशें वही हसरतें >> आँखों के परदे भी नम हो गए हैंबातों के सिलसिले भी कम हो गए हैंपता नहीं गलती किसकी हैवक़्त बुरा है या बुरे हम हो गए हैं।This is a great परदे पर शायरी. Share on: