तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैं Admin पराये शायरी, Sad << हौंसला तुझ में न था मुझसे... हम ही में थी न कोई बात >> तपिश से बच कर घटाओं में बैठ जाते हैंगए हुए की सदाओं में बैठ जाते हैंहम इर्द-गिर्द के मौसम से जब भी घबरायेतेरे ख्याल की छाओं में बैठ जाते हैं।This is a great तपिश शायरी. Share on: