ना हम रहे दिल लगाने के काबिल
By January 1, 2017
ना हम रहे दिल लगाने के काबिल
ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर
ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।
ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर
ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।
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