तू हवा के रुख पे चाहतों का दिया जलाने की ज़िद न कर

By January 1, 2017
तू हवा के रुख पे चाहतों का दिया जलाने की ज़िद न कर
तू हवा के रुख पे चाहतों का दिया जलाने की ज़िद न कर

ये क़ातिलों का शहर है यहाँ तू मुस्कुराने की ज़िद न कर।
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