हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है
By January 1, 2017

हर पल कुछ सोचते रहने की आदत गयी है
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा
हिज्र की रातों के संग
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
हर आहट पे च चौंक जाने की आदत हो गयी है
तेरे इश्क़ में ऐ बेवफा
हिज्र की रातों के संग
हमको भी जागते रहने की आदत हो गयी है।
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