लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैं

By January 1, 2017
लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैं
लहरें टकरातीं हैं मुझ से और लौट जाती हैं

कभी सूखा किनारा रहा होता एक सजदा सहारा रहा होता।
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