फूलों की याद आती है काँटों को छूने पर
By January 1, 2017

फूलों की याद आती है काँटों को छूने पर
रिश्तों की समझ आती है फासलों पे रहने पर
कुछ जज़्बात ऐसे भी होते हैं जो आँखों से बयां नहीं होते
वो तो महसूस होते हैं ज़ुबान से कहने पर।
रिश्तों की समझ आती है फासलों पे रहने पर
कुछ जज़्बात ऐसे भी होते हैं जो आँखों से बयां नहीं होते
वो तो महसूस होते हैं ज़ुबान से कहने पर।
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