फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम
By January 1, 2017

फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम
प्यार में झलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरते हैं चाहत तुम्हारी
तभी तो मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
प्यार में झलकता जाम हो तुम
सीने में छुपाये फिरते हैं चाहत तुम्हारी
तभी तो मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
1733 viewsLove • Hindi