फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम

By January 1, 2017
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम
फ़िज़ा में महकती शाम हो तुम

प्यार में झलकता जाम हो तुम



सीने में छुपाये फिरते हैं चाहत तुम्हारी

तभी तो मेरी ज़िंदगी का दूसरा नाम हो तुम।
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