तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ

By January 1, 2017
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ
तेरे हर ग़म को अपनी रूह में उतार लूँ

ज़िंदगी अपनी तेरी चाहत में सवार लूँ



मुलाक़ात हो तुझसे कुछ इस तरह मेरी

सारी उम्र बस एक मुलाक़ात में गुज़ार लूँ।
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