आज कुछ नहीं है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में ऐ दोस्तBy January 1, 2017आज कुछ नहीं है मेरे शब्दों के गुलदस्ते में ऐ दोस्तकभी-कभी मेरी ख़ामोशियाँ भी पढ़ लिया करो।5385 viewsSad • Hindi514Share