प्रेरणादायक शायरी: अपने आत्मा को उड़ान भरने दें

प्रेरणा द्वारा साहस प्राप्त करें

जीवन का सफर आध्यात्मिक शायरी के साथ शुरू करें और अपने आत्मा को सफलता की ओर रवाना करें। ये प्रेरणादायक नब्जों के रूप में व्यापकता प्रदान करती हैं, जो आपको मुख्य लक्ष्य तक पहुँचने के लिए सक्षम बनाती हैं। हार्दिक शब्दों की ताकत से आपकी निर्धारणशीलता और प्रेरित करें जिससे आप अपने सपनों के पीछे अटूट संकल्प के साथ भागने की स्थायीता प्राप्त करें। कविता की रूहानी शक्ति को आलंबन करें और अपनी आत्मा को नई ऊँचाइयों में उड़ान भरने दें।

छ :- छत्तीस हत्तीचे बळ असणारे
त्र :- त्रस्त मोगलांना करणारे
प :- परत न फिरणारे
ति :- तिन्ही जगात जाणणारे


शि :- शिस्तप्रिय
वा :- वाणिज तेज
जी :- जीजाऊचे पुत्र
म :- महाराष्ट्राची शान


हा :- हार न मानणारे
रा :- राज्याचे हितचिंतक
ज :- जनतेचा राजा
म्हणजे


॥ छत्रपति शिवाजी महाराज ॥ असेल हिम्मत तर आडवा ....!!!!!! जय भवानी जय शिवाजी

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पुना नव्हे पुणे म्हणा.. बॉम्बे नाही मुंबई म्हणा.. नासिक हे नाशिक आहे हे लक्षात घ्या.. वांद्र्याचा बॅंड्रा होऊ देऊ नका.. थाना नाही ठाणे आहे.. आणि सर्वात महत्वाचं इंडिया नाही भारत आहे.. प्रत्येक अश्या गोष्टीसाठी व्यवस्थित लक्ष द्या. आणि काही झालं तरी.. आपण महाराष्ट्रीयन पेक्षा
महाराष्ट्रीय आहोत हे विसरू नका..

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जिन्दगी के हर कदम में
कोई न कोई जोखिम होगा । बन जाओ ऐसे बहादुर कि जोखिम का सामना करने के लिए तैयार हो सको। जो जोखिम का सामना कर सकता है बस उसी को विजयमाला मिला करती है।

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बुराई इसलिए नहीं पनपती कि बुरा करने वाले लोग बढ़ गये हैं वरन इसलिए पनपती है कि उसे सहन करनेवाले लोग बढ़ गये हैं।

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क्या कभी आपने सोचा है - सत्ता की चाह में सत्य को भूल गये। मान की चाह में ज्ञान को भूल गये। धन की चाह में तन को भूल गये। सुविधा की चाह में सुख को भूल गये। साधन की चाह में साध्य को भूल गये। यश की चाह में ईश को भूल गये। सपनों की चाह में अपनों को भूल गये।

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मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता
जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है।

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दुनिया में कोई भी चीज़ अपने आपके लिए नहीं बनी है। जैसे: दरिया - खुद अपना पानी नहीं पीता। पेड़ - खुद अपना फल नहीं खाते। सूरज - अपने लिए हररात नहीं देता। फूल - अपनी खुशबु अपने लिए नहीं बिखेरते। मालूम है क्यों? क्योंकि दूसरों के लिए ही जीना ही असली जिंदगी है।

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बुराईयां जीवन में आयें उससे पहले उन्हें मिट्टी में मिला दो
अन्यथा वे तुम्हें मिट्टी में मिला देंगीं।

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धीरज से कमजोर आदमी को भी बल मिलता है
जबकि बेसब्री से बलवान आदमी भी कमजोर हो जाता है।

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शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है
चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपका पेशा।

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जिंदगी में कुछ खोना पड़े तो ये दो पंक्तियाँ जरूर याद रखना: जो खोया है उसका गम नहीं और जो पाया है वो भी किसी से कम नहीं।

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केवल कर्महीन ही ऐसे होते हैं जो भाग्य को कोसते हैं
और जिनके पास शिकायतों का बाहुल्य होता है।

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जब किसी महापुरुष से पूछा गया कि गुस्सा क्या चीज़ है? तो महापुरुष ने बहुत खूबसूरत जवाब दिया
"किसी की गलती की सज़ा खुद को देना।"

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अपनी जिंदगी के किसी भी दिन को मत कोसना
क्योंकि
अच्छा दिन खुशियाँ लाता है
और बुरा दिन अनुभव


एक सफल जिंदगी के लिए दोनों जरूरी होती हैं। जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं
वो पूरी दुनिया जीत सकते हैं।

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जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं
वो पूरी दुनिया जीत सकते हैं।

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मेरी मंजिल मेरे करीब है इसका मुझे 'एह्सास' है
गुमान नहीं मुझे इरादों पे अपने
ये मेरी 'सोच' और हौंसलों का 'विश्वास' है।

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कागज़ अपनी किस्मत से उड़ता है और पतंग अपनी क़ाबलियत से! किस्मत साथ दे या ना दे मगर क़ाबलियत ज़रूर साथ देगी।

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हमेशा ब्रान्डेड चीजो का ही ईस्तमाल करे..... १.होठों के लिये " सत्य " २.आवाज के लिये " प्रार्थना" ३.आंखो के लिये " दया" ४.हाथों के लिये " दान " ५.ह्दय के लिये ".प्रेम" और ६.चहेरे के लिये " हँसी " ७.बड़ा बनने के लिये"माफी"..

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एक छोटा शब्द है । पढे तो ' सेकंड ' लगेगा सोचे तो ' मिनट ' लगेगा समझे तो ' दिन 'लगेगा और साबित करने मे पूरी जिन्दगी लग जाती है जो हैं ।।विश्वास।!

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अपनी जुबां से दुसरों के ऐब मै बयां करता नही .....। क्योंकि ऐब मुझमें भी हे.....। और जुबां औरों कि भी है !

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हार और जीत हमारी सोंच पर निर्भर है। मान लिया तो हार और अगर ठान लिया तो जीत।

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ज़िंदगी चाहे एक दिन की हो या चाहे चार दिन की
उसे ऐसे जियो जैसे कि ज़िंदगी तुम्हें नहीं मिली
ज़िंदगी को तुम मिले हो।

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दुनिया को अक्सर वो लोग बदलकर जाते हैं…… जिन्हें दुनिया कुछ बदलने लायक नहीं समझती हैं !! सुप्रभात दोस्तों

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फिकर मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ है
लिखने वाले ने लिख दिया.. तक़दीर तेरे साथ है
फिकर करता है क्यों.. फिकर से होता है क्या
रख रब पे भरोसा.. देख फिर होता है क्या ।।

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अकाल पड़ा है पूरी दुनिया में
प्रेम
आदर और सन्मान का
क्योंकि लेना सभी चाहते है पर देना कोई नहीं चाहता.

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