दुखी शायरी

दुःख में गहराई में डुबकी

दुखी शायरी के राज्य में डूबे, जहां हर पंक्ति गहरे दर्द से उत्तेजित है, जो हानि, इच्छा और भावनात्मक उथल-पुथल के विषयों का अन्वेषण करती है। दुखी शायरी के माध्यम से मनुष्य की कमजोरी और प्रतिरोध की गहराई व्यक्त करती है।

जिनको हमने चाहा इश्क़ की हदें तोड़ कर

आज उसने देखा नहीं निगाह मोड़ कर



ये जान कर बहुत दुख हुआ मुझे

कि वो खुद भी तन्हा हो गये मुझे छोड़ कर।

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आज अरसे बाद जब सुनी उसकी आवाज़

तो लगा जैसे है वो मेरे दिल के ही पास



जब आया होश टी तो नम हो गयी ये आँखें

फिर एहसास हुआ कि कभी न पूरी होने वाली है ये आस।

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किसी की चाहत में इतने पागल न हो

हो सकता है वो आपकी मंज़िल न हो



उसकी मुस्कुराहट को मोहब्बत न समझना

हो सकता है मुस्कुराना उसकी आदत ही हो।

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कुछ अलग था कहने का अंदाज़ उनका

कि सुना भी कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं



कुछ इस तरह बिखरे उनके प्यार में हम

कि टूटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं।

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मेरे दिल के दर्द को किसने देखा है

मुझे बस मेरे खुदा ने तड़पते देखा है



हम तन्हाई में बैठे रोते हैं

लोगों ने हमे महफ़िल में हँसते देखा है।

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जाने क्या मुझसे ज़माना चाहता है

मेरा दिल तोड़कर मुझे ही हँसाना चाहता है



जाने क्या बात झलकती है मेरे चेहरे से

हर शख्स बस मुझे ही आज़माना चाहता है।

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दुनिया है पत्थर की जज़्बात नहीं समझती

दिल में जो छुपी है वो बात नहीं समझती



चाँद तनहा है तारो की इस बारात में

दर्द मगर चाँद का ज़ालिम यह रात नहीं समझती।

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अनजान थे हम अनजान ही रहने दो

किसी की यादों में हमें पल पल यूँ ही मरने दो



क्यों करते हो बदनाम लेकर नाम हमारा

अब तो इस नाम को गुमनाम रहने दो।

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जब मिलने लगा उसकी मोहब्बत में सुकून

फिर यूँ हुआ वो मेरा साथ छोड़ गया



अभी बहुत बाकी थी हसरतें दिल में

मगर वो शख्स अधूरी मुलाक़ात छोड़ गया।

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दरिया वफाओं का कभी रुकता नहीं

मोहब्बत में इंसान कभी झुकता नहीं



खामोश हैं हम उनकी ख़ुशी के लिए

वो समझते हैं कि दिल हमारा दुखता ही नहीं।

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उसको चाहा तो बहुत मगर इज़हार करना नहीं आया

कट गयी उम्र सारी मगर प्यार करना नहीं आया



उसने कुछ माँगा भी तो माँग ली जुदाई हमसे

हम करते भी क्या क्योंकि हमें इंकार करना नहीं आया।

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तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया

तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया



सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को

इसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।

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हमने भी किसी से प्यार किया था

कम नहीं
बेशुमार किया था



ज़िंदगी बदल गई थी तब उसने कहा कि

पागल तू सच समझ बैठा


मैने तो मज़ाक किया था।

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अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है

जिस चीज़ को चाहा वो चीज़ ही बेगानी है



हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए

वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है।

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ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत तू किसी से

इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा



एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से

किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा।

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जाने क्यों दुनियां में ऐसा होता है

जो सब को ख़ुशी दे
वही क्यों रोता है



उम्र भर जो साथ ना दे सके

वही ज़िंदगी का पहला प्यार क्यों होता है।

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बहुत अजीब है यह बंदिशें मोहब्बत की

कोई किसी को बहुत टूट कर चाहता है



और कोई किसी को चाह कर टूट जाता है।

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सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओ

माना कि तुमको प्यार नहीं
नफ़रत ही जताने आ जाओ



जिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहे

क्या भूल हुई क्यों जुदा हुए


बस यह समझाने आ जाओ।

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दुआ करना यारों जुदा हो रहे हैं

रही जिंदगी तो फिर आकर मिलेंगे



अगर मर गया तो दुआ करते रहना

आंसू बहाने की कोशिश ना करना!

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वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़कर रोए

कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़कर रोए



मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े

पता चला मेरे पीछे वो उन्हें जोड़कर रोए!

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अकेला सा महसूस करो जब तन्हाई में

याद मेरी आये जब जुदाई में



महसूस करना तुम्हारे करीब हूँ मैं

जब चाहे देख लेना अपनी ही परछाई में!

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हौंसला तो तुझमे भी ना था मुझसे जुदा होने का

वर्ना काजल तेरी आँखों का यूँ फैला नहीं होता!

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जान मेरी तू क़त्ल कर दे मुझे

पर छोड़ जाने का जुल्म ना करना।

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आपको पाकर खोना नहीं चाहते

इतना खुश होकर अब रोना नहीं चाहते



ये आलम हैं हमारा आपकी जुदाई से

आँखों में नींद है मगर हम सोना नहीं चाहते।

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बस इतने में ही कश्ती डुबा दी हमने

जहाँ पहुंचना था वो किनारा ना रहा



गिर पड़ते है लडखडा के कदमों से

जो थामा करता था वो आज सहारा ना रहा।

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