आत्मिक तराजिम शायरी

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आत्मिक शायरी के माध्यम से तराजिम की दुनिया में आत्मा से छू जाने वाला अनुवाद किया जाता है, मौलिक कार्य की महक और भावनाओं को व्यक्त करना। शब्दों और भावनाओं की ध्वनि को अपनी आत्मा में महसूस करें, भाषाओं और भावनाओं की एक सामंजस्य रचना बनाते हुए।

अजीब रुत के अजीब दिन हैं
न धूप में सुख
न छाँव में सुख
ये दिल भी लगता नहीं है जो छाँव में भी बैठो


तपिश भी सूरज की सहना मुश्किल
ये कैसे साये हैं इन बनों में
सफ़ेद धूपें सफ़ेद जिन हैं
अजीब रुत के अजीब दिन हैं


- muneer-niyazi