झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए By Sher << न तुम्हें होश रहे और न मु... 'वक़ार' ऐ काश मेर... >> झूट वाले कहीं से कहीं बढ़ गए और मैं था कि सच बोलता रह गया Share on: