कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं By जवानी, वक़्त, बुढ़ापा, फ़ेमस शायरी, Sher कहते हैं उम्र-ए-रफ़्ता कभी लौटती नहीं जा मय-कदे से मेरी जवानी उठा के ला Share on: