परस्तिश की याँ तक कि ऐ बुत तुझे By हज़ार दास्तान ए इश्क़, Sher << पोशीदा राज़-ए-इश्क़ चला ज... पाँव के नीचे की मिट्टी भी... >> परस्तिश की याँ तक कि ऐ बुत तुझे नज़र में सभों की ख़ुदा कर चले Share on: