शहीदों का तिरे शोहरा ज़मीं से आसमाँ तक है By शहीद, Sher शहीदों का तिरे शोहरा ज़मीं से आसमाँ तक है फ़लक से बल्कि आगे बढ़ के तेरे आस्ताँ तक है Share on: