तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िले क्यूँ लुटे By संसद शायरी, फ़ेमस शायरी, Sher तू इधर उधर की न बात कर ये बता कि क़ाफ़िले क्यूँ लुटे तिरी रहबरी का सवाल है हमें राहज़न से ग़रज़ नहीं Share on: