वो कूदते उछलते रंगीन पैरहन थे By ज़िंदगी, रंग, जिस्म, Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... समझते ही नहीं हैं लोग ना-... >> वो कूदते उछलते रंगीन पैरहन थे मासूम क़हक़हों में उड़ता गुलाल देखा Share on: