ऑल अबाउट माई फ़ादरShayari By 24 Jun 2022 12:33:36 PMAshraवो सब में नेमतें तक़्सीम कर के ख़ुश रहता मगर ख़ुदाई का दा'वा नहीं किया उस ने वो माँ का हाथ बटाता था घर के कामों में प फ़ैमिनस्टी का चर्चा नहीं किया उस ने [...] Continue Reading... Share on:
वबा के दिनों में 4Shayari By 29 Jan 2021 01:20:39 PMAshraखाँसी और हिचकी का फ़र्क़ ग़ैर वाज़ेह होता है अवाम के मसीहाओं और ख़ुदा के वकीलों को मुअक्किल और दस्ताने नहीं मिलते [...] Continue Reading... Share on:
वबा के दिनों में 7Shayari By 29 Jan 2021 01:19:41 PMAshraबाबा-ए-कुल-अक़्वाम पूरी सदी इसनूकर खेलते रहे इसनूकर की सब से बेहतरीन गेंदें गेंडे के सींग से बनती रहीं [...] Continue Reading... Share on:
वबा के दिनों में 3Shayari By 29 Jan 2021 01:18:43 PMAshraकौन पहली मोहब्बत नहीं था कौन आख़िरी मोहब्बत नहीं कौन है जो पहली और आख़िरी मोहब्बत है कौन सा बच्चा किस की औलाद है [...] Continue Reading... Share on:
वबा के दिनों में 2Shayari By 29 Jan 2021 01:17:43 PMAshraमुख़्तसर कर जाती है ज़िंदगी को हर मुलाक़ात बन जाता है मुरक्कब ख़ौफ़-ए-ख़ुदा में ख़ौफ़-ए-वबा बढ़ जाती है अहमियत में मोहब्बत से मुदाफ़अत खो बैठते हैं करंसी नोट तक अपनी वक़अत [...] Continue Reading... Share on:
वबा के दिनों में 1Shayari By 29 Jan 2021 01:16:43 PMAshraवबा के दिनों में मय्यत का ग़ुस्ल जनाज़े का कंधा और आख़िरी लम्हे का दीदार नहीं होता लेकिन यही नहीं [...] Continue Reading... Share on: