ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात

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ज़िंदगी-भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात
एक अंजान हसीना से मुलाक़ात की रात

हाए वो रेशमीं ज़ुल्फ़ों से बरसता पानी
फूल से गालों पे रुकने को तरसता पानी [...]

पहला तारा

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वो पहला पहला तारा
फ़लक से पुकारा

कि दिन हुआ आख़िर
उजाला है मुसाफ़िर [...]

एक समाँ

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बहती है पुर्वा मतवाली
झूम रही है डाली डाली

डाल रहा है सूरज डोरे
झलक रहे हैं ताल कटोरे [...]

गीत

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ये हँसती-गाती कलियाँ और फूल ये प्यारे प्यारे
ये नन्हे नन्हे तारे हैं सारे दोस्त हमारे

हैं सारे दोस्त हमारे
आओ मिल कर हम खेलें दुख ग़ैरों के सब ले लें [...]

बरखा रुत

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आओ सखी बरसात मनाएँ
सुंदर है आकाश की रंगत

मेंह से धुल कर निखरी सूरत
धनुष कमान खिंची है कैसी [...]

निराली शान

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तेरी निराली शान
ओ प्यारे भगवान ओ प्यारे भगवान

जल्वे तेरे छाए चमन में
गंगा जमुना बृन्दाबन में [...]

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