इश्क़ और मौतShayari By 18 Nov 2023 08:40:01 AMIqbal Dayसुहानी नुमूद-ए-जहाँ की घड़ी थी तबस्सुम-फ़शाँ ज़िंदगी की कली थी कहीं मुहर को ताज-ए-ज़र मिल रहा था अता चाँद को चाँदनी हो रही थी [...] Continue Reading... Share on:
जब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाहीShayari By 18 Nov 2023 08:14:59 AMIqbal Dayजब इश्क़ सिखाता है आदाब-ए-ख़ुद-आगाही खुलते हैं ग़ुलामों पर असरार-ए-शहंशाही 'अत्तार' हो 'रूमी' हो 'राज़ी' हो 'ग़ज़ाली' हो कुछ हाथ नहीं आता बे-आह-ए-सहर-गाही [...] Continue Reading... Share on: