शश-जिहत नुह फ़लक आएँगे नज़र दो-बटा-तीनShayari By 23 Apr 2024 04:58:29 AMMazahiyaशश-जिहत नुह फ़लक आएँगे नज़र दो-बटा-तीन छे-बटा-नौ के बराबर है अगर दो-बटा-तीन दो खिलौने जो कभी हम ने तिपाई पे धरे आ गए साफ़ मुहंदिस को नज़र दो-बटा-तीन [...] Continue Reading... Share on:
शदीद गरमी के मौसम में मुशाइराShayari By 02 Jul 2022 09:42:15 PMMazahiyaये महफ़िल-ए-सुख़न थी मई के महीने में शायर सभी नहाए हुए थे पसीने में ज़िंदा रहेंगे हश्र तक उन शाइरों के नाम जो इस मुशाइरा में सुनाए गए कलाम [...] Continue Reading... Share on:
ख़ुद-कुशीShayari By 16 Aug 2021 08:16:58 AMMazahiyaरहीमुल्लाह हुआ अच्छा तो उस ने ये देखा हो चुकी है ''पार्टीशन'' गए कुछ भाग और कुछ मर चुके हैं न नेता-सिंह बाक़ी है न भीषन [...] Continue Reading... Share on:
मुशाइरा में सुनूँ कैसे सुब्ह तक ग़ज़लेंShayari By 16 Aug 2021 02:56:09 AMMazahiyaमुशाइरा में सुनूँ कैसे सुब्ह तक ग़ज़लें कि घर को छोड़ के फ़ुर्सत से मैं नहीं आया Continue Reading... Share on:
पार्टीशनShayari By 16 Aug 2021 01:28:27 AMMazahiya'लँहगा-संघा' कलमा पढ़ ला-इलाहा आगे पढ़ आगे आप बता दीजे मेरी जान बचा लीजे [...] Continue Reading... Share on:
महशर में गए शैख़ तो आ'माल नदारदShayari By 30 Jan 2021 12:06:56 AMMazahiyaमहशर में गए शैख़ तो आ'माल नदारद जिस माल के ताजिर थे वही माल नदारद Continue Reading... Share on: