ऐ शरीफ़ इंसानोShayari By 19 May 2024 12:47:17 AMNazmख़ून अपना हो या पराया हो नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर [...] Continue Reading... Share on:
आदमी काShayari By 24 Apr 2024 03:04:12 PMNazmग़म-ए-मुसलसल की इस तपिश में कि जिस्म जल जाए आदमी का हँसी की हल्की फुवार भी हो तो काम चल जाए आदमी का मिज़ाह की गर ज़रा भी हिस है हँसी को और क़हक़हे को छोड़ो चमन में गर फूल मुस्कुरा दे तो दिल बहल जाए आदमी का [...] Continue Reading... Share on:
उर्दूShayari By 22 Apr 2024 08:31:27 PMNazmजबीन-ए-वक़्त पर कैसी शिकन है हम नहीं समझे कोई क्यूँ कर हरीफ़-ए-इल्म-ओ-फ़न है हम नहीं समझे किसी भी शम्अ' से बे-ज़ार क्यूँ हो कोई परवाना ये क्या इस दौर का दीवाना-पन है हम नहीं समझे [...] Continue Reading... Share on:
इंक़िलाबी औरतShayari By 21 Apr 2024 02:13:11 PMNazmरणभूमी में लड़ते लड़ते मैं ने कितने साल इक दिन जल में छाया देखी चट्टे हो गए बाल पापड़ जैसी हुईं हड्डियाँ जलने लगे हैं दाँत जगह जगह झुर्रियों से भर गई सारे तन की खाल [...] Continue Reading... Share on:
उमीदShayari By 16 Mar 2024 11:18:07 PMNazmवो सुब्ह कभी तो आएगी उन काली सदियों के सर से जब रात का आँचल ढलकेगा जब दुख के बादल पिघलेंगे जब सुख सागर छलकेगा जब अम्बर झूम के नाचेगा जब धरती नग़्मे गाएगी [...] Continue Reading... Share on:
8Shayari By 01 Mar 2024 11:10:21 AMNazmऐ परिंदो किसी शाम उड़ते हुए रास्ते में अगर वो नज़र आए तो गीत बारिश का कोई सुनाना उसे ऐ सितारो यूँही झिलमिलाते हुए [...] Continue Reading... Share on: