रक़ीबShayari By 29 Feb 2024 11:02:19 PMNazmतुम ग़ैर नहीं मैं ने माना फिर भी जब मेरे घर आना लाज़िम है तुम्हारा ज़रा तकल्लुफ़ से पेश आना [...] Continue Reading... Share on:
मुझे क्या मिलाShayari By 29 Feb 2024 10:59:03 PMNazmमैं मीरा नहीं फिर भी विष का प्याला मैं ने पिया तुम्हारे लिए [...] Continue Reading... Share on:
मीआ'दShayari By 29 Feb 2024 10:55:50 PMNazmहर एक ख़्वाब की मीआ'द तय होनी चाहिए चाहे पूरा हो या अधूरा हो [...] Continue Reading... Share on:
मेरा मज़हबShayari By 29 Feb 2024 10:52:38 PMNazmजिस से करनी थी तौबा वो ही ख़ुद-बख़ुद ख़ुदा बन गया मेरे मज़हब में मोहब्बत को किसी भी सूरत कुफ़्र नहीं मानते [...] Continue Reading... Share on:
ज़ाइद ज़िंदगीShayari By 29 Feb 2024 07:44:23 PMNazmकहानी और होती कुछ हमारी अगर हम वक़्त से सोने की 'आदत डाल लेते मगर हम तो न जाने क्या समझते थे सहर तक जागने को [...] Continue Reading... Share on:
ज़ब्त का ख़र्चShayari By 29 Feb 2024 07:41:06 PMNazmज़ब्त को सोच कर ख़र्च करता हूँ मैं हर किसी पर नहीं हर जगह पर नहीं इस लिए मेरी आँखें कभी ख़ुश्क होती नहीं [...] Continue Reading... Share on: