हम करें बात दलीलों से तो रद होती हैShayari By 02 Feb 2024 01:55:54 AMGhazalहम करें बात दलीलों से तो रद होती है उस के होंटों की ख़मोशी भी सनद होती है साँस लेते हुए इंसाँ भी हैं लाशों की तरह अब धड़कते हुए दिल की भी लहद होती है [...] Continue Reading... Share on:
मुत्तहिद हो के उठे ज़ुल्म के क़दमों से अवामShayari By 29 Jan 2021 12:13:47 AMQitaमुत्तहिद हो के उठे ज़ुल्म के क़दमों से अवाम सारे गुम-गश्ता अज़ीज़ान-ए-जहाँ मिल ही गए लाख गुलशन में बिछाए थे ख़िज़ाँ ने काँटे क़दम-ए-बाद-ए-बहार आए तो गुल खिल ही गए [...] Continue Reading... Share on:
हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिएShayari By 28 Jan 2021 10:18:59 PMHindi Ghazalsहो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए आज ये दीवार पर्दों की तरह हिलने लगी शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए [...] Continue Reading... Share on:
मुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगाShayari By 26 Jan 2021 12:30:00 PMSherमुसीबत का पहाड़ आख़िर किसी दिन कट ही जाएगा मुझे सर मार कर तेशे से मर जाना नहीं आता Continue Reading... Share on:
तुंदी-ए-बाद-ए-मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ उक़ाबShayari By 22 Nov 2020 06:57:52 PMSherतुंदी-ए-बाद-ए-मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ उक़ाब ये तो चलती है तुझे ऊँचा उड़ाने के लिए Continue Reading... Share on:
तू समझता है हवादिस हैं सताने के लिएShayari By 22 Nov 2020 06:57:17 PMGhazalतू समझता है हवादिस हैं सताने के लिए ये हुआ करते हैं ज़ाहिर आज़माने के लिए तुंदी-ए-बाद-ए-मुख़ालिफ़ से न घबरा ऐ उक़ाब ये तो चलती है तुझे ऊँचा उड़ाने के लिए [...] Continue Reading... Share on: